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समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता न मिलने के आदेश की होगी समीक्षा, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 10
जुलाई को
देश की सबसे बड़ी सुप्रीम कोर्ट 10 जुलाई को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से मना करने वाले फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई 10 जुलाई 2024 को करेगा। और पीठ में प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति हिमा कोहली, न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पांच सदस्यीय संविधान पीठ पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई देश की सर्वोच्च अदालत करेगी।
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समलैंगिक शादी को कानूनी तौर पर मान्यता देने से किया था इनकार
सर्वोच्च अदालत में पिछले साल समलैंगिक विवाह/शादी को कानूनी तौर पर मान्यता देने के मामले में समीक्षा याचिका दायर सुप्रीम कोर्ट में की गई थी। इससे पहले अदालत ने 17
अक्तूबर को समलैंगिक शादी/विवाह को कानूनी तौर पर मान्यता देने से अदालत ने इन्कार कर दिया था।
देश की सुप्रीम कोर्ट की CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने
3-2 के बहुमत के फैसले में कहा गया था कि इस तरह की मान्यता सिर्फ कानून के जरिए ही प्राप्त की जा सकती है और अदालत विधायी मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।लेकिन गौरतलब बात है कि अदालत ने 10
दिनों की सुनवाई के बाद 11
मई को अपना आदेश अदालत ने सुरक्षित रख लिया था।
कोर्ट में याचिकाकर्ताओं में से एक उदित सूद की ओर से दायर समीक्षा याचिका शीर्ष कोर्ट की रजिस्ट्री में दायर की गई है। समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिए जाने का अवरोध करने संबंधी 21 याचिकाओं पर संविधान पीठ ने सुनवाई की थी। हालांकि, कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश ने केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने का दिशा निर्देश दिया कि समलैंगिक समुदाय के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाइये ।
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