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Delhi Water Crisis: दिल्ली में
पानी की
किल्लत को
लेकर सुप्रीम
कोर्ट ने
हिमाचल प्रदेश
और हरियाणा
सरकार को
अहम निर्देश
देते हुए
कहा कि
मामले की
अगली सुनवाई
सोमवार (10 जून, 2024) को होगी.
Supreme
Court On Delhi Water Crisis: दिल्ली में
पानी की
किल्लत के
मामले में
सुप्रीम कोर्ट
ने हिमाचल
प्रदेश और
हरियाणा सरकार
को गुरुवार
(6 जून, 2024) को अहम
निर्देश दिया.
कोर्ट ने
हिमाचल प्रदेश
को शुक्रवार
(7 जून, 2024) से हर
दिन 137 क्यूसेक अतिरिक्त
जल छोड़ने
का आदेश
दिया है.
कोर्ट ने
हरियाणा से
कहा कि
वह अपने
क्षेत्र में
पड़ने वाली
नहर के
जरिए पानी
के दिल्ली
तक पहुंचने
में सहयोग
करे. अदालत ने
साथ ही
कहा कि
दिल्ली सरकार
को पानी
की बर्बादी
नहीं करनी
चाहिए. सोमवार (10 जून, 2024) तक सभी
पक्ष मामले
में हुई
प्रगति की
जानकारी दें.
मामले में
अगली सुनवाई
सोमवार को
होगी.
हरियाणा ने
जताई आपत्ति
तो सुप्रीम
कोर्ट ने
क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट
के आदेश
पर हरियाणा
सरकार ने
आपत्ति जताई
कि उसके
पास यह
जानने का
तरीका नहीं
है कि
हिमाचल से
हथिनीकुंड कितना
पानी पहुंचा.
हथिनीकुंड बैराज
से होते
हुए दिल्ली
के वजीराबाद
बैराज तक
पानी पहुंचना
है. कोर्ट ने
इसके जवाब
में कहा
कि आदेश
दिया जा
चुका है.
अब सोमवार
को आप
बताना कि
मामले में
क्या हुआ.
दरअसल, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि हरियाणा सरकार उनके हिस्से का पानी नहीं छोड़ रहा है. याचिका में मांग की गईृ है कि हरियाणा हिमाचल प्रदेश के उपलब्ध कराए गए पानी को छोड़े.
आतिशी ने
लिखी चिट्ठी
हाल ही
में जल
मंत्री आतिशी
ने हरियाणा
के मुख्यमंत्री
नायब सिंह
और उत्तर
प्रदेश के
मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ को
चिट्ठी लिखकर
एक महीने
के लिए
दिल्ली को
अतिरिक्त पानी
उपलब्ध कराने
का अनुरोध
किया है.
उन्होंने हरियाणा
के मुख्यमंत्री
को लिखा
है, "दिल्ली अपने
जल संसाधनों
का अधिकतम
उपयोग कर
रही है.
मौजूदा संकट
से निपटने
के लिए
हरियाणा को
यमुना में
तत्काल अतिरिक्त
पानी छोड़ने
की जरूरत
है." वहीं, सीएम नायब
सिंह सैनी
ने दिल्ली
सरकार के
आरोप को
खारिज करते
हुए कहा
था कि
हरियाणा दिल्ली
को उसके
हिस्से का
पानी दे
रहा है.
PictureAtishi Marlena Singh - Wikipedia