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दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश 'भारतीय कुश्ती महासंघ के लिए गठित एडहॉक कमेटी को बहाल किया जाए',

18-Aug-2024 || By EDITOR

दिल्ली उच्च न्यायलय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के कामकाज को संचालित करने के लिए गठित की गयी भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की एडहॉक कमेटी को बहाल कर दिया है। और यह फैसला पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगट, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान की याचिका पर आया है।और दिसंबर में महासंघ के चुनाव के बाद ये समिति बनाई थी।

अदालत ने अंतरिम आदेश में कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) का एडहॉक कमेटी को भंग करने का फैसला केंद्रीय खेल मंत्रालय के दिसंबर में कराये गए चुनावों के तुरंत बाद ही WFI को निलंबित करने के आदेश के अनुरूप नहीं है। और साथ ही कहा कि जब तक निलंबन का आदेश वापस नहीं लिया जाता, तब तक एडहॉक कमेटी के लिए भारतीय कुश्ती महासंघ के कामकाज को संभालना जरूरी है।

और कोर्ट के जस्टिस सचिन दत्ता ने हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का प्रशासक नियुक्त करने की याचिकाकर्ताओं की प्रार्थना को खारिज कर दिया है और कोर्ट ने कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) एडहॉक कमेटी का पुनर्गठन कर सकता है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि एडहॉक कमेटी को भंग करना अनुचित था, और साथ ही कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) एडहॉक कमेटी का पुनर्गठन कर सकता है, और यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह एक मल्टी-मेंबर बॉडी है। और इसमें प्रख्यात खिलाड़ी या विशेषज्ञ शामिल हों। कोर्ट ने साफ किया कि एडहॉक कमेटी सिर्फ तब तक कार्य करती रहेगी, जब तक खेल मंत्रालय द्वारा जारी 24 दिसंबर 2023 का आदेश लागू रहता है। और अदालत ने कहा कि केंद्रीय मंत्रालय उक्त आदेश को वापस लेने या समीक्षा करने के लिए स्वतंत्र होगा। अदालत के आदेश को इस संबंध में कोई बाधा नहीं समझा जाएगा।

और कोर्ट ने एडहॉक कमेटी को भंग करने को अनुचित इसलिए माना, क्योंकि युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा WFI के संबंध में जारी किया गया की 24 दिसंबर 2023 का आदेश अभी भी लागू है। और न्यायालय के पास ऐसा कोई भी रिकॉर्ड नहीं है, और जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि जिन कारणों से यह आदेश जारी किया गया था, कि वे दूर हो गई हैं या हल हो गई हैं। और कोर्ट ने कहा कि जब तक 24 दिसंबर 2023 के निलंबन के आदेश पर पुनर्विचार, समीक्षा या वापसी नहीं हो जाती, है तब तक WFI के मामलों का प्रबंधन करने के लिए एक एडहॉक कमेटी की जरूरत है।

और बता दें कि कोर्ट ने पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और अन्य द्वारा इस साल फरवरी 2024 में दायर आवेदन पर अपना फैसला कोर्ट ने सुनाते हुए यह निर्देश दिया है।कि इस आवेदन में (डब्ल्यूएफआई) के कामकाज और संचालन पर रोक लगाने की मांग की गई थी। और इस आवेदन पर आदेश इस साल मई में सुरक्षित रखा गया था और हाल ही में इस मामले को हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया था,और जिसमें कहा गया था कि जल्द ही आदेश सुनाया जाएगा।


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