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अडाणी समूह को दी गई 108 हेक्टेयर गौचर भूमि राज्य सरकार वापस ली जाएगी। गुजरात सरकार को उच्च न्यायलय ने बताया। कि यह जमीन कच्छ में उस मुंद्रा बंदरगाह बनाने के लिए अडाणी समूह को दी गई थी। इसके विरुद्ध ग्रामीणों ने गुजरात हाईकोर्ट में अपनी याचिका दाखिल की थी।
और लगभग करीब 13 साल बीत जाने के बाद गुजरात सरकार निर्णय ले पाई है।कि 2005 में गुजरात सरकार के राजस्व विभाग ने अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड को 231 एकड़ गौचर भूमि आवंटित सरकार ने की थी।लेकिन ग्रामवासिओ को भूमि आवंटित होने की सूचना वर्ष 2010 में पता चली। कि जब APSEZ ने गौचर भूमि पर बाड़ लगाना अडाणी ग्रुप ने शुरू किया। ग्रामवासिओ के निवासियों ने अडानी ग्रुप के पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड को 231 एकड़ गौचर भूमि आवंटित करने के निर्णय के विरुद्ध एक जनहित याचिका के माध्यम से गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया था।
एक जनहित याचिका में ग्रामीणों के अनुसार APSEZ को 276 एकड़ में से 231 एकड़ भूमि आवंटित किए जाने के बाद गांव में केवल 45 एकड़ चरागाह भूमि बची है। और उन्होंने यह भी तर्क दिया कि यह कदम अवैध है क्योंकि गांव में पहले से ही चरागाह भूमि की कमी है। इसके अलावा, गांव वालो ने दावा किया कि यह भूमि आम है और सामुदायिक संसाधन भी है। 2014 में गुजरात सरकार ने बताया कि डिप्टी कलेक्टर ने चरागाह के उद्देश्य से अतिरिक्त 387 हेक्टेयर सरकारी भूमि देने का आदेश पारित किया गया था। इसके बाद गुजरात हाईकोर्ट ने जनहित याचिका का निपटारा कर दिया था।
इसके बावजूद जब ऐसा नहीं हुआ, तो गुजरात हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई। इसके बाद 2015 में राज्य सरकार ने गुजरात हाईकोर्ट के समक्ष एक समीक्षा याचिका दायर की। और जब इस जनहित याचिका में कहा गया था कि पंचायत को आवंटन के लिए उपलब्ध सिर्फ भूमि केवल 17 हेक्टेयर ही है। और इसके बाद राज्य सरकार ने शेष भूमि को लगभग 7 किलोमीटर दूर आवंटित करने का प्रस्ताव रखा था । यह प्रस्ताव ग्राम वासिओ को स्वीकार्य नहीं था। और ग्रामीणों का यह भी कहना था कि मवेशियों के लिए इतनी लंबी दूरी तय करना संभव ही है।
और इसके बाद अप्रैल 2024 में गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति प्रणव त्रिवेदी की खंडपीठ ने राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को समाधान निकालने का निर्देश भी दिया। जिसके बाद शुक्रवार को एसीएस ने हलफनामे के माध्यम से हाई कोर्ट पीठ को सूचित किया कि राज्य सरकार ने लगभग 108 हेक्टेयर या 266 एकड़ गौचर भूमि अडानी समूह से वापस लेने का कोर्ट ने फैसला किया है, जिसे पहले APSEZ को आवंटित किया गया था।
राजस्व विभाग ने हाई कोर्ट को सूचित किया कि गुजरात सरकार 129 हेक्टेयर भूमि को ग्रामिड़ो को वापस देगी। लेकिन इसके लिए वह अपनी कुछ भूमि और अडानी समूह की फर्म से वापस ली जा रही और जो 108 हेक्टेयर भूमि का उपयोग ही करेगी।और गुजरात हाईकोर्ट की पीठ ने गुजरात सरकार को इस प्रस्ताव को लागू करने का निर्देश दिया। इसके बाद गुजरात हाईकोर्ट ने कार्यवाही 7 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।